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न दिनेश, न खेसारी और न पवन सिंह, 'निरहुआ' ने बताया इनसे चलती है भोजपुरी इंडस्ट्री

आजकल भोजपुरी फिल्म जगत में अपनी बादशाहत को लेकर लोग तरह-तरह के बयान दे रहे हैं, जो सोशल मीडिया पर विवाद का कारण बन रहा है. हाल ही में सुपरस्टार खेसारीलाल यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था, जिसमें वह यह कहते नजर आ रहे थे कि पूरी भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री खेसारीलाल यादव, पवन सिंह और दिनेशलाल यादव के वजह से चल रही है. ऐसे में बॉक्स ऑफिस के बादशाह कहे जाने वाले दिनेशलाल यादव 'निरहुआ' ने जो कहा है वह आज के परिप्रेक्ष्य में सटीक कहा जा सकता है. Bhojpuri Express हुई निरहुआ की एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने कहा कि आज के दौर के सभी लोग चलती गाड़ी पर सवार हुए हैं. पर उस गाड़ी को कोई एक दो नहीं, बल्कि सैकड़ों लोग अपनी मेहनत से खींच रहे हैं. 
हम लोग तो सवारी बनकर इसे सजाने संवारने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया की सारी इंडस्ट्री अपने कुशल टेक्नीशियन की वजह से चलती है, उनमें कुछ कलाकार होते हैं, कुछ विभिन्न क्षेत्र के टेक्निशनियन तो कुछ मीडिया पर्सन, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण होते हैं दर्शक जो इनकी मेहनत का सही आकलन करते हैं. उन्होंने कहा कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री एक समुद्र है जिसमें हम कलाकार मात्र एक बूंद हैं. डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रेरणा से नजीर हुसैन साहब की सोच, विश्वनाथ शाहबादी के पैसे और रामायण तिवारी के सहयोग से शुरू हुई भोजपुरी इंडस्ट्री एक विशाल वट वृक्ष बन गया है, जिसकी नींव महेंद्र मिसिर, भिखारी ठाकुर, सुजीत कुमार जैसे महान हस्तियों ने अपनी खून पर रखी थी. 
कालांतर में कुणाल सिंह, पद्मा खन्ना, कुमकुम, साधना सिंह, राकेश पांडे ने इसे मजबूत किया. आज के दौर की बात की जाए तो जब हमारी भोजपुरी इंडस्ट्री मृतप्राय सी हो गई थी, तब मोहनजी प्रसाद ने इस बंजर भूमि पर पानी डाल कर इसे सींचने का प्रयास किया, तो अजय सिन्हा ने खाद डालकर इस भूमि को उपजाऊ बना दिया. निरहुआ ने कहा कि आज के दौर की शुरुआत 'सैयां हमार से' हुई थी, जिसने भोजपुरी को रवि किशन जैसा दमदार अभिनेता दिया और उसके बाद 'ससुरा बड़ा पैसे वाला' ने तो इस इंडस्ट्री को मनोज तिवारी जैसे मेगास्टार को जन्म दिया. आज हमारी इंडस्ट्री अगर गायकों की इंडस्ट्री कही जाती है, तो इसका श्रेय 'ससुरा बड़ा पैसे वाला' को ही जाता है. 
स्वर्गीय सुधाकर पांडे ने इसे संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. आज के दौर के निर्माता निर्देशक काफी मेहनत कर रहे हैं और इस इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. दुर्गा प्रसाद मजूमदार, अभय सिन्हा, सुजीत तिवारी, आलोक कुमार, राज कुमार पांडे, सतीश जैन, संतोष मिश्रा, असलम शेख, महेश पांडे, जगदीश शर्मा, प्रेमांशु सिंह, अनंजय रघुराज, समीर आफताब, सुशील उपाध्याय, सुब्बराव, सुजीत सिंह आदि आज के दौर के कुछ ऐसे नाम हैं, जिन्होंने अपना हर पल भोजपुरी फिल्मों के लिए समर्पित कर रखा है. मालिनी अवस्थी, कल्पना पटवारी, विनय बिहारी जैसे संगीत के साधकों के साथ साथ पवन सिंह, खेसारीलाल, अरविंद अकेला कल्लू, राकेश मिश्रा, रितेश पांडे, इंदु सोनाली, प्रियंका सिंह, आलोक कुमार, मोहन राठौड़ जैसे सुर के साधकों के लिए अच्छा संगीत बनाने में मधुकर आनंद, ओम झा, घुंघरू, अशोक कुमार दीप, धनंजय मिश्रा, राजेश गुप्ता, शिशिर पांडे और राजेश रजनीश ने संगीत को नई ऊंचाई प्रदान की है. 
आज डिजिटल प्लेटफॉम पर भोजपुरी अब्बल नंबर पर है, तो इसका श्रेय इन्हें ही जाता है. प्यारे लाल कवि जी, आजाद सिंह, श्याम देहाती, पवन पांडे और सुमित चंद्रवंशी की कलम में जादू है तो संतोष मिश्रा, सुरेंद्र मिश्रा, लालजी यादव, वीरू ठाकुर के लिखे शब्द दर्शकों के दिलों पर उतर जाते हैं. तीन घंटे की फिल्म बनाने में काफी लोगों का योगदान रहता है. कल्पना कीजिए अगर पप्पू खन्ना, कानू मुखर्जी, राम देवन, रिक्की गुप्ता जैसे डांस मास्टर नहीं होते तो फिल्म कितना बेरंग होता? हमारी इंडस्ट्री में एक्शन का अलग स्थान है जिनमें अंडलीब पठान, आर पी यादव और हीरा यादव, रोशन श्रेष्ठ जैसे अनेक लोग अपना योगदान दे रहे हैं. पर्दे पर हम खूबसूरत तभी दिखते हैं, जब कैमरामैन हमारे दृश्यों को अलग अलग एंगल से कैद करता है. फिरोज खान, प्रकाश अन्ना, देवेंद्र तिवारी, प्रमोद पांडे, रफीक शेख सहित कई लोग इसे खूबसूरती से अंजाम दे रहे हैं.  
आर्ट डायरेक्टर अंजनी तिवारी और नजीर शेख जैसे कर्मठ लोग जी तोड़ मेहनत कर दृश्य को खूबसूरत बनाने में अपना योगदान देते हैं. फिल्मों की सफलता में उनके प्रचार प्रसार की अहम भूमिका होती है. भोजपुरी फिल्म जगत में एक से बढ़कर एक प्रचारक है. उदय भगत, रंजन सिन्हा, रामचंद्र यादव, संजय भूषण, अखिलेश और प्रशांत निशांत अपना दायित्व बखूबी निभाते आ रहे हैं. आज दुनिया के बड़े-बड़े प्लेटफॉम पर भोजपुरी दिखती है तो इसका श्रेय इन्हें ही जाता है. आज हमारी संगीत को जन-जन तक पहुंचाने में कई कम्पनियां मेहनत करती है. वर्ल्ड वाइड रिकॉर्ड्स के रत्नाकर कुमार, वेब के दिनेश जी, एसआर के के रोशन जी, निरहुआ म्यूजिक वर्ल्ड के प्रवेशलाल यादव सहित कई कंपनियां हैं जिनका योगदान सराहनीय है. हमारी फिल्मों को दर्शकों तक पहुंचने वाले वितरक ने भी हमारी भोजपुरी इंडस्ट्री को काफी ऊंचाई दी है. 
डॉ सुनील, पप्पू राजेश, शरद दोषी, प्रशांत निशांत, सुवोध, प्रवीण कुमार जैसे दर्जनों वितरक हैं, जो भोजपुरी को ऊंचाई पर ले जाने का काम कर रहे हैं. जहां तक बात है हम कलाकारों की तो इसकी लंबी सूची है. अगर आज के दौर यानी भोजपुरी के तीसरे चरण की बात करें तो रवि किशन, मनोज तिवारी ने नगमा, श्वेता तिवारी, रंभा, भाग्यश्री, रिंकु घोष ने भोजपुरी का सितारा काफी बुलंद किया. आज पवन सिंह, खेसारी लाल, प्रदीप पांडे चिंटू, यश मिश्रा, कल्लू, मनोज टाइगर, राकेश मिश्रा, रितेश पांडे, ऋषभ कश्यप गोलू, विक्रांत सिंह, आदित्य ओझा, अवधेश मिश्रा, सुशील सिंह, संजय पांडे, देव सिंह, अयाज खान सहित काफी कलाकार हैं. अभिनेत्रियों में रानी चट्टरजी, स्मृति सिन्हा, स्वीटी छाबरा, आम्रपाली दुबे, अक्षरा सिंह, मोनालिसा, अंजना सिंह, शुभी शर्मा, मधु शर्मा, संभावना सेठ, रितु सिंह, रितु पांडे, सीमा सिंह, पाखी हेगड़े, ग्लोरी, जैसी दर्जनों खूबसूरत और टैलेंटेड अदाकारा इस इंडस्ट्री में हैं. वहीं ब्रजेश त्रिपाठी, गोपाल राय, किरण यादव, वंदिनी मिश्रा आदि ने अपना जीवन इस फिल्म जगत को समर्पित कर दिया है. यह इस इंडस्ट्री की सफलता ही कही जाएगी कि आज बंगाली, नेपाली के साथ-साथ दक्षिण भारत के तकनीशियन और कलाकार भी इसके हिस्सा हैं और सैकड़ों नाम ऐसे हैं जिनके बिना फिल्म निर्माण अधूरा है.

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