'कन्नडिया गर्ल' टीवी सीरिज के पश्चात पाखी हेगड़े भोजपुरी फिल्मों की
तरफ मुड़ गईं. कैमरामैन ज्ञान सहाय ने जब निर्देशक बनने का निर्णय लिया तभी
उनकी निगाहें पाखी पर पड़ी. ज्ञान की पारखी नजरों ने पाखी को परख लिया और
वह बन गई एक खूबसूरत भोजपुरी प्रेम कहानी 'बैरी पिया' की नायिका. नायक के
रूप इस फिल्म में पाखी के साथ मोहित डागा नजर आए. निर्देशक, नायक और नायिका
तीनों की यह पहली फिल्म थी. अच्छी होने के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर फिल्म कुछ
कमाल नहीं कर पाई. लेकिन, पाखी की चल निकली. वह निर्माता, निर्देशकों की
आंखों में जा बसी और बन भोजपुरी फिल्मों की सर्वप्रिय नायिका.
पाखी तो सचमुच पाखी (पंछी) बन गई. भोजपुरी की पहली फिल्म के बाद ही पाखी
के पर निकल आए और उसके बाद वह ऊंची उड़ानें भरने लगीं. भोजपुरी फिल्मों के
सुपरस्टार कहे जाने वाले मनोज तिवारी की नायिका बनने का सुअवसर तुंरत मिल
गया. पाखी ने 'भईया हमार दयावान', 'गंगा जमुना सरस्वती', 'परमवीर परशुराम'
जैसी कई भोजपुरी फिल्मों में काम किया. उसके बाद उन्हें निरहुआ के नाम से
लोकप्रिय दिनेशलाल यादव के साथ काम करने का मौका मिला. यह इतना सफल हुआ कि
पाखी हेगड़े और दिनेशलाल ने लगभग दो दर्जन फिल्में साथ साथ कीं. मल्लिका
पाखी हेगड़े को भोजपुरी फिल्मों की हेमा मालिनी कहा जाने लगा.
पाखी ने निरहुआ के साथ जो फिल्में की, उनमें 'निरहुआ रिक्शावाला',
'निरहुआ चलल ससुराल', 'निरहुआ मेल', 'निरहुआ नं.1', 'दीवाना', 'प्रतिज्ञा',
'दाग', 'दल', 'विधाता', 'परिवार', 'लोफर', 'औलाद', 'प्रेम के रोग भईल',
'खून पसीना', 'जानी दुश्मन', 'दुश्मनी', 'सात सहेलियां', 'हंटरवाली', 'आज
के करन अर्जुन', 'हमरा माटी में दम बा', 'कईसे कहीं कि तोहरा से प्यार हो
गईल', 'आखरी रास्ता' आदि बॉक्स ऑफिस पर शुपरहिट साबित हुई. पाखी ने पवन
सिंह के साथ 'प्यार मोहब्बत ज़िन्दाबाद', 'पवन पुरवईया', 'देवर भाभी' में
काम किया. साढ़े पांच फीट की अतिशय गौरवर्णी इस सुंदरी को बिग बी (अमिताभ
बच्चन) के साथ भी काम करने का सौभाग्य प्राप्त है.
'गंगादेवी' नामक इस हिन्दी फिल्म को अंग्रेजी में 'लीडर' और गुजराती में
'नाम छे मारु गंगा' शीर्षक से रिलीज हुई थी. पाखी की दूसरी चर्चित हिन्दी
फिल्म थी- 'ओमन फ्रॉम द ईस्ट', जिसके लिए उनको कई अवॉर्ड भी मिले. तेलुगू
फिल्म 'बंगारदा कुराल' के लिए भी कई अवॉर्ड मिले. सचिन खेड़ेकर, महेश
मांजरेकर व सयाजी शिंदे के साथ मराठी भाषा की फिल्म 'सत न गत ' के लिए
सराही गईं, साथ ही इस फिल्म के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया. 'गुलाबी'
के लिए भी पाखी चर्चा में रहीं. पंजाबी भाषा में 'कुदेसन' उनकी उल्लेखनीय
फिल्म है.
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