लव भोजपुरी से विशेष बातचीत में अरविंद अकेला ने अपने जीवन यात्रा के बारे में विस्तार से बातचीत की। कोरोना वायरस के समय में जबकि वह घर पर हैं, उन्होंने अपने पिता का एक और बड़ा सपना पूरा किया है। बिहार में बक्सर के अहिरौली में उन्होंने पिताजी के एक शानदार घर बनवाया है। इस घर पर कल्लू ने 'जय बिहार' लिखवाया है।
'पीएम को हम सभी का समर्थन'
कोरोना के माहौल में वह सबसे पहले अपने फैंस के लिए अपील करते हैं। लव भोजपुरी से बातचीत में अरविंद कहते हैं, 'सबसे पहले तो मैं सभी फैंस से अपील करता हूं कि वे घर में रहें और सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने जब अपील की, उसके बाद से हम सभी घर पर हैं और सबके सुरक्षित रहने की कामना करते हैं।'
'...और दोस्तों ने भी की तारीफ'
अरविंद अकेला से कल्लू और फिर कलुआ क्या मामला है? इस सवाल पर पहले तो वह हंसते हैं। फिर कहते हैं, 'चलिए आपको विस्तार से बताते हैं। छोटे पर गायक था तो सिर्फ अरविंद था। थोड़ा बड़ा हुआ तो लगा कि गायक लोगों के नाम में अलग से कुछ लगना चाहिए तो अकेला लगा लिया। दोस्तों ने भी तारीफ की तो इसे जोड़े रखा।'
अरविंद अकेला से कल्लू और फिर कलुआ क्या मामला है? इस सवाल पर पहले तो वह हंसते हैं। फिर कहते हैं, 'चलिए आपको विस्तार से बताते हैं। छोटे पर गायक था तो सिर्फ अरविंद था। थोड़ा बड़ा हुआ तो लगा कि गायक लोगों के नाम में अलग से कुछ लगना चाहिए तो अकेला लगा लिया। दोस्तों ने भी तारीफ की तो इसे जोड़े रखा।'
'आसपास के लोग बुलाते थे कल्लू'
अकेला आगे कहते हैं, 'अब घर और आसपास के लोग कल्लू बुलाते थे। तो चर्चित होने के लिए जरूरी था कि एक नाम ऐसा हो जिसे सब जानते हों और छोटा हो। बस फिर क्या था मैं कल्लू भी जोड़ लिया नाम के साथ।'
'फैंस ने दिया यह नाम'
अब जो कलुआ की कहानी है तो वह हमारे प्यारे फैंस की देन है। दर्शक कल्लू की जगह कलुआ बुलाने लगे। ये बिहार में 'आ' लगाने का जो सिस्टम है ना प्यार से, वहीं से कल्लू बन गया कलुआ। शुरू में तो थोड़ा अजीब लगा। पर, जनता तो हमारे लिए भगवान है और अगर नाम भगवान ने दिया है तो फिर सिर माथे पर। यहीं से कल्लू बन गए कलुआ।
'फैंस का हर तोहफा स्वीकार'
तो कलुआ कहने पर बुरा लगता है? इस सवाल पर कल्लू अपने दोनों कान हाथ से टच करते हैं और कहते हैं, 'अरे आप क्या कह रहे हैं? अपने फैंस से भी कोई नाराज होता है क्या? अरे उन्हीं लोगों की बदौलत तो हम हैं। जब भी वे हमें कलुआ बुलाते हैं सच कहिए तो हमें अपने नाम से भी अच्छा यह शब्द लगता है। फैंस जो भी प्यार से बुलाएं, वह स्वीकार है।'
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