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भोजपुरी के लेखक कौन है? (Who is the Writer Of Bhojpuri?)



भोजपुरी के सेक्सपियर भिखारी ठाकुर जी है। जिन्होने भोजपुरी को एक नए मुकाम पर पाहुचाया॥ 

अगर भोजपुरी के लेखक की बात की जाए तो भिखारी ठाकुर जी का नाम पहले आता है और आज भोजपुरी मे तमाम लेखक है जो कुछ अच्छे है और कुछ लेखक की बात करना ही बेकार है ...


"कोई गईल बना के भोजपुरी, कोई माटी में मिला देलस-२,

कोई माथ चड़ा के रखलस, केहू लाती से लतिया देलस।।

भोजपुरी ह ना आज के भाषा, चौदह सौ साल पुराना ह-२

बाप दादा के खून पसीना, से सिचल खजाना ह।।

ह देल भिखारी ठाकुर के-२ गरिमा गढ़हा में गोत देला, 

दुनिया में पसरत भोजपुरी के पैसा से चबोत देहल।।

उ मत कहे माई मुहवा से-२ 

जे माई बहिन के रुला देलस।। 

भोजपुरी के सर शरम से सगरे जग में झुका देलस, 

कोई माथ चड़ा के रखलस केहू लाती से लतिया दिहलस।। 

जे बड़ बहिन मैथिली मगही के, उ आज शरम से पानी बा-२, 

जे गीत के जग दीवाना रहे, उ गीत के आज मनमानी बा।।

शर्माता सगरे लोग सभे-२, बोलहू में अब भोजपुरी हो। 

पर्याय बनल अश्लीलता के, 

लोग लेत बना अब दूरी हो।। 

कैसे कहीं की गर्व करी हम-२, जहर जे ऎतना घोर देलस, भोजपुरी के तन मन से रोआ-रोआ झकझोर देलस।। 

तू कहला कि स्टार हवा-२, भोजपुरी के सिंगार हवा, भोजपुरी के नासे वाला, सबसे बड़का हथियार हवा।। 

तू ही पवन-खेसारी-छलिया, तू ही प्रमोद-समर-अवधेश, 

तू ही नंगा कईला भोजपुरी, तू ही कल्लू रशिया रितेश।। 

मिशिर महेंदर भरत मुन्ना -२, देव कुमार के तेज देलस, 

उ बात करे भोजपुरी के, जे नरक में ऎहके भेज देहलस।। 

उ का समझी भोजपुरी के, जे घटिया गावे के काम करी-२, 

प्यार के मतलब ना बुझी, देहिया के अंग बखान करी।। 

दोष उ सुने वाला के दे-२, गंदो से गंदा गवाता, 

सुने लायक अकेलो नईखे, उ माई बहिन के सुनावत ता।। 

कह लईकी बेवफ़ा बदचलन-२, उ येतना बार सुना देलस, 

भोली औरत भोग के खातिर, 

उ सबके मन में ढूका दिहलस।। 

बडूये गुजारिश सबका से, ना नया पीढ़ी बर्बाद करी-२, 

तनिका से लेेहाज रखीं, सब घर समाज आवाद करी।।

लिखल गावल राऊर गितिया-२, भोजपुरी के राह देखाई जी, 

जे ना समझी बोलल बोली, 

ओकरो के ई समझाई जी।।

मौका बा सब कुछ ठीक होई-२, जे मन में तुहू बिठा लेबा, 

भोजपुरी लौकि विश्व पटल पे, जे असली रूप देखा देबा-२।। "

Poem Writer:- Vikash Kumar Singh

सभी अस्लील भोजपुरी गायक और नायक के मुह पर तमाचा जड़ दिया है भोजपुरी की इस कविता ने.....एक बार आप भी पढे और बताए क्या जो हो रहा वह सही है? क्या हमे विचार नही करना चाहिए अपनी भाषा पर ? क्या भोजपुरी के महान गायक भिखारी ठाकुर जी की राह पर हम चल रहे है? अगर आपको गीत अच्छा लगे तो शेअर और कमेंट करके हमे जरूर बताए। 

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