भोजपुरी क्वीन रानी चटर्जी ने इन दिनों काफी गुस्से में हैं। गुस्से की
वजह मुंबई के कुछ पत्रकारों द्वारा भोजपुरी सिनेमा की सोशल मीडिया में
नकारात्मक पब्लिसिटी है। हालांकि इससे पहले जुबली स्टार दिनेशलाल यादव
निरहुआ ने भी उन पत्रकारों को खरी खोटी चुना चुके हैं। इसके बाद रानी ने भी
उनका समर्थन करते हुए गुस्से में कहा कि
तुम होते कौन हो मुंबई में बैठ कर कुछ भी लिखने वाले। रानी ने कहा कि
पत्रकार के नाम पर आप कुछ भी नहीं लिख सकते। आपको पर्सनल लाइफ या फिल्म पर
अटैक करने का कोई हक नहीं है। निरहुआ ने जो किया वो सही किया। वो नहीं
करते तो मैं कर देती। गौरतलब है कि ईद के मौके पर दिनेशलाल यादव निरहुआ की
फिल्म ‘बॉर्डर’ को बिहार – यूपी में शानदार ओपिनिंग मिली। मगर मुंबई में
कुछ पत्रकारों ने ‘बॉर्डर’ के बारे में अपने फेसबुक पोस्ट पर जो लिखा,
उससे दिनेशलाल यादव निरहुआ भड़क गए और उन्हें खरी – खरी सुना दी थी।
रानी ने अपना गुस्सा फेसबुक पर वीडियो अपलोड कर निकाला। इस वीडियो में रानी ने ये भी कहा कि ये लोग पत्रकारिता के नाम पर जानबूझ कर किसी को भी नीचा दिखाने का काम करते हैं। और इसे वो समीक्षा कहते हैं। क्या फिल्म की समीक्षा किसी का चरित्र हनन करके होता है। उन्होंने कहा कि ये होते कौन हैं किसी की लाइफ के बारे में फैसला सुनाने वाले। इन्हें किसने अधिकार दे दिया कि ये कहें किसे काम करना है, किसे नहीं। इन्हें मेंटल ह्रासमेंट की आजादी किसने दे दी है। पत्रिकारिता के अपने कायदे और इथिक्स भी होते हैं, क्या वहीं इन्हें पता है। इसलिए ऐसे लोगों का बहिष्कार होना चाहिए। मैं इस मामले में निरहुआ के साथ हूं।
रानी ने अपना गुस्सा फेसबुक पर वीडियो अपलोड कर निकाला। इस वीडियो में रानी ने ये भी कहा कि ये लोग पत्रकारिता के नाम पर जानबूझ कर किसी को भी नीचा दिखाने का काम करते हैं। और इसे वो समीक्षा कहते हैं। क्या फिल्म की समीक्षा किसी का चरित्र हनन करके होता है। उन्होंने कहा कि ये होते कौन हैं किसी की लाइफ के बारे में फैसला सुनाने वाले। इन्हें किसने अधिकार दे दिया कि ये कहें किसे काम करना है, किसे नहीं। इन्हें मेंटल ह्रासमेंट की आजादी किसने दे दी है। पत्रिकारिता के अपने कायदे और इथिक्स भी होते हैं, क्या वहीं इन्हें पता है। इसलिए ऐसे लोगों का बहिष्कार होना चाहिए। मैं इस मामले में निरहुआ के साथ हूं।
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